Table of Contents
Toggleपरम धाम देवांचाल देवबड़ला में 6 मार्च से होगा शिवरात्रि महोत्सव का शुभारंभ
परम पावन धाम देवबड़ला सीहोर मध्य प्रदेश में 6 मार्च से होगा शिवरात्रि महोत्सव – देवबड़ला में 6 मार्च से शुरू होगा महाशिवरात्रि मेला मां नेवज नदी के उद्गम स्थल व पुरातात्विक धरोहर देवांचल धाम देवबड़ला बीलपान में यूं तो साल भर अनेक आयोजन होते रहते हैं
परंतु महाशिवरात्रि का आयोजन सबसे बड़ा आयोजन होता है मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह भगत जी ने बताया 6 मार्च से मेला प्रारंभ होगा जिसमें बाबा विल्केश्वर महादेव का अभिषेक पूजन प्रतिदिन होगा एवं प्रतिदिन दोपहर 12:00 बजे से 4:00 बजे तक सुश्री पूजा शर्मा के मुखारविंद से शिव कथा होगी
दिनांक | कार्यक्रम |
---|---|
मेला प्रारम्भ | 6 मार्च 2024 |
कथा प्रारम्भ (सुश्री पूजा शर्मा) | 6 मार्च 2024 |
शिव अभिषेक | 6 , 7 ,8 मार्च दोपहर 12 बजे से |
महा आरती | 8 मार्च 2024 |
मंदिर की संपूर्ण जानकारी | Click Here |
देवांचल धाम देवबड़ला में शिवरात्रि की तैयारी एवं जानकारी
8 मार्च को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर बाबा विल्केश्वर महादेव का रुद्राभिषेक महा आरती एवं महाप्रसादी का आयोजन होगा मंदिर समिति व मेला समिति की ओर से मेले में किसी प्रकार की कोई परेशानी श्रद्धालुओं को न उठानी पड़े इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं
क्षेत्र की सबसे बड़ी धरोहर होने के बावजूद भी यह स्थान पक्की सड़क से आज तक वंचित है24 घंटे वाली बिजली,पानी,सुलभ कंपलेक्स जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं है यहां पर यूं तो हर साल क्षेत्रीय नेता गण यहां पर बड़े-बड़े आश्वासन देते हैं लेकिन धरातल पर कुछ भी उपलब्ध नहीं है आज तक सिर्फ झूठे वादे ही हो रहे हैं मात्र 3 किलोमीटर सड़क को मजाक बना रखा है
देवांचल धाम देवबड़ला इंचार्ज कुवंर विजेंद्र सिंह भाटी का बयान
इस सड़क का भूमि पूजन आठ बार हो चुका है लेकिन 8 तगाड़ी डामर अभी तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने नहीं डलवाया देवबड़ला स्मारक इंचार्ज कुंवर विजेन्द्र सिंह भाटी ने बताया प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर तीन दिवसीय भव्य मेले का आयोजन होता है
जिसमें एक लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने पहुंचते हैं श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए पुरातत्व आयुक्त द्वारा मंदिर के आसपास जो रफ पत्थर थे उन्हें मंदिर से दूर लेजाकर रखा गया है एवं जो पत्थर नकाशी दार है मंदिरों के निर्माण में उपयोगी है उन पत्थरों को एक तरफ सेट किया गया है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े और आसानी से श्रद्धालु बाबा महादेव का दर्शन कर पुरातत्व विभाग द्वारा निर्मित मंदिरों व खुदाई में मिले अवशेषों को निहार सके।
Exam Tips | Click here |
Ctet Exam Tips | Click here |
Bpsc Tre 3 Exam | Click here |
Daily current affairs | Click Here |
Upsc / Pcs Current affairs | Click Here |
Quick current News | Click here |